उत्तराखंड में मुखिया बदले जाने की खबरों के बीच क्या कह गए सीएम त्रिवेंद्र, गजब है यार

उत्तराखंड में मुखिया बदले जाने की खबरों के बीच क्या कह गए सीएम त्रिवेंद्र, गजब है यार

उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच मुख्य मंत्री त्रिवेंद्र रावत अपने तयशुदा कार्यक्रम में लगे रहे। जयपुर से दिल्ली पहुंचे सीएम भले ही बॉडी लैंग्वेज से कमफर्ट दिखाई दिए लेकिन बयान में उनके एक दर्द देखा गया। सीएम त्रिवेंद्र ने मीडिया से बात करते हुए अपना यह दर्द एक तरह से बयां भी कर दिया। दरसअल सीएम त्रिवेंद्र से जब प्रदेश में चल रही राजनीतिक अटकलों को लेकर पूछा गया और पूछा गया कि उनकी भी छुट्टी होने वाली है तो उन्होंने कह डाला कि छुट्टी टी सभी की होनी है, हर किसी की एक दिन छुट्टी होनी है हमारी भी हो जाएगी तो क्या........ बहरहाल मुख्यमंत्री का यह बयान कई मायनों में अहम हो जाता है। लेकिन राजनीति के जानकार मानते है कि फिलहाल प्रदेश में मुखिया बदले जाने को लेकर किसी तरह की कोई बात नहीं है। यह केवल एक अफवाह है। आपको बता दे ऐसा पहली बार नहीं इससे पहले भी कई बार शोशल मीडिया पर इस तरह की खबरे लहरा चुकी है।लेकिन इस बार पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के ट्वीट के बाद चली इस खबर के कई मायने निकले जा रहे थे। सीएम ने किया शहीदों को नमन मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर शहीदों की शौर्य गाथा और पराक्रम को नमन करते हुए पुष्प्प च्रक एवं श्रद्धासुमन अर्पित किया। इस अवसर पर प्रेस प्रतिनिधियोें को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा की यह राष्ट्रीय स्मारक, राष्ट्र की रक्षा में पुलिस और पैरा मिलिट्री फोर्स के जवानों के बलिदान और समपर्ण की याद दिलाता है। उन्होंने कहा की राष्ट्रीय पुलिस स्मारक एक प्रेरणादायक स्मारक है। यह सदैव सर्वोच्च बलिदान की गौरवगाथा को बताता है। मुख्यमंत्री ने बताया की वर्ष 2013 में उत्तराखण्ड राज्य में आई भीषण आपदा के उपरान्त राज्य में एस.डी.आर.एफ का गठन किया गया है जिसके द्वारा प्राकृतिक आपदा दुर्घटना के समय राहत एवं बचाव का कार्य किया जाता है। वर्तमान में राज्य में एस.डी.आर.एफ की चार कम्पनियाॅ कार्यरत है। मुख्यमंत्री ने कहा की सिटी क्राइम पर नियन्त्रण किये जाने के उद्देश्य से प्रयोग के रूप में उत्तराखण्ड राज्य के चार जनपदों में सीटी पेट्रोल यूनिट (सी.पी.यू) का गठन किया गया है जिसका कार्य चैन स्नेचिंग, महिला छोड़खानी, आटो लिफिटिंग लूट, एक्सीडेंट रोकना आदि है। मुख्यमंत्री ने बताया की उत्तराखण्ड में वर्ष 2000 से 2019 तक शहीद पुलिसकर्मियों की संख्या 182 है। मुख्यमंत्री ने बताया की देश में शांति व्यवस्था कायम रखने, प्राकृतिक आपदा या दुर्घटनाओं में बचाव और राहत पहुॅचाने का कार्य हमारे जवान करते है और जब भी इनकी जरूरत होती है, यह उस समय मौजूद रहते है । इनकी कर्तव्यपरायणता हम सभी को प्रेरणा देती है।

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