महाशिवरात्रि पर शिवालयों में उमड़ा भक्तों का सैलाब

महाशिवरात्रि पर शिवालयों में उमड़ा भक्तों का सैलाब

प्रयागराज में महाशिवरात्रि...... आज महाशिवरात्रि पर्व है तो इस मौके पर हम आपको एक ऐसे चमत्कारिक शिवलिंग के दर्शन करने जा रहे हैं जिसकी महिमा दूर- दूर तक फैली है खास बात यह है कि इस शिवलिंग की स्थापना पाण्डवों द्वारा की गई थी जब वह अज्ञातवास पर थे यूं तो प्रयागराज क्षेत्र ही तीर्थों का राजा है पड़िला महादेव के नाम से प्रसिद्ध है जिसे पांडेश्वर नाथ धाम के नाम से जाना जाता है शिवलिंग स्थापना को लेकर ऐसी मान्यता है कि अगर लगातार 40 दिन तक पांडेश्वर नाथ धाम में भगवान शिव का दर्शन किया जाए तो दर्शन करने वाले की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं यहा ऐसे शिवालय हैं जहां महाशिवरात्रि पर निशान के रूप में ध्वज लेकर लोग दूर-दूर से नाचते गाते हुए आते हैं यहां शिवलिंग में भक्त शिवजी के मानों साक्षात दर्शन पाते हों पांडेश्वरनाथ धाम में दिन भर में तीन बार शिवलिंग का रंग बदलता है सुबह हरा,दोपहर में भूरा और रात में काले रंग का नजर आता है.यहां भक्तों की मांगी गई मनौती भी पूरी होती है दक्षेश्वर महादेव मंदिर आज महाशिवरात्रि का पर्व है। शिवरात्रि पर शिव भक्तों की भीड़ मंदिरों में उमड़ रही है। हरिद्वार के कनखल स्थित दक्षेश्वर महादेव मंदिर में भी सुबह चार बजे से भगवान शंकर के दर्शन के लिए भक्तों की कतारें लगनी शुरू हो गईं। बारिश के बावजूद भी मंदिरों में खासी भीड़ भाड़ नजर आई। दक्षेश्वर महादेव मंदिर को भगवान शिव की ससुराल कहा जाता है। मान्यता है कि शिवरात्रि पर भगवान शंकर स्वयं मंदिर में विराजमान रहते हैं। इसीलिए दूर-दूर से श्रद्धालु दक्षेश्वर महादेव मंदिर पूजा अर्चना करने के लिए पहुंचते हैं। मंदिरों में पहुंचे श्रद्धालु दूध जल बेलपत्र आदि भगवान शिव को अर्पण कर रहे हैं। टपकेश्वर महादेव.... शिवरात्री का महापर्व है ऐसे में राजधानी देहरादून के प्राचीन टपकेश्वर मंदिर में भी शिवभक्तों की सुबह से ही भीड़ देखने को मिल रही है। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में जो भी मनोकामना मांगी जाती है भगवान शिव उन सभी मनोकामनाओं को पूरा करते हैं। यही प्राचनी काल से ऐसी मान्यता है की मंदिर में स्वयं-भू शिवलिंग में द्वापर युग में दूध टपकता था, जो कलयुग में पानी में बदल गया और क्या कुछ मान्यता है इस मंदिर की उसी की जानकारी लेने के लिए हमारे साथ हमारे संवाददाता अशोक कुमार जुड़ चुके हैं। अशोक आपसे जानना चाहेंगे इस मंदिर की और क्या कुछ मान्यता है और किस तरह का उत्साह शिवरात्री को लेकर भक्तों में देखा जा रहा है।

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