अमेठी मंजिल उन्ही को मिलती है जिनके सपनो में जान होती है पंखों से कुछ नही होता हौसलों से उड़ान होती है इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है दोनो हाथों से दिव्यांग छात्र अमर बहादुर ने जो दोनो हाथ न होने के बावजूद पैरों से लिखकर इंटर की परीक्षा दे रहा है।अमर बहादुर हाईस्कूल में 59 प्रतिशत अंक हासिल कर चुके है और अध्यापक बनने की चाहत रखते है लेकिन पैसे के अभाव में उनकी उम्मीदे दम तोड़ती नजर आरही है। अमेठी तहसील के एक छोटे से गाँव करेहगी के रहने वाले और रणवीर इंटर कॉलेज अमेठी मे इंटरमीडिएट की परीक्षा दे रहा है अमर बहादुर के दोनो हाथ नही है लेकिन वे पैरो की उंगलियो से परीक्षा देने का जज्बा दिखाया है।इनके जज्बे को देखते हुये लोग जमकर सराहना कर रहे है और कह रहे है अगर किसी कार्य को करने की लगन दिल मे हो तो असम्भव कुछ नही होता है। लाख बधाये सामने हो लेकिन उनको रोकपाना असम्भव होता है।ऐसे ही हौसले अमर बहादुर मे भी है जिनके हाथ ना होने के बावजूद भी कठिनायो से ऊपर उठकर यहाँ तक पहुँचे है।इतना ही नही अमर बहादुर घर मे ही पढ़ाई कर हाईस्कूल 59% अंक हासिल कर चुके है।अमर बहादुर की माने तो वो पढ़ कर टीचर बनना चाहते है जिससे वे अपने आस पास के बच्चो को अच्छी तालीम दे सके और वो बच्चे देश के साथ उनका भी नाम भी रोशन कर सके। उनके पास इतना पैसा भी नही है कि वे अपनी किताबे खरीद सके माँ बाप इतने गरीब है कि वे किसी तरह पेट पालते है।अमर बहादुर का कहना है कि अगर सरकार की तरफ से कोई मदद मिलती है तो हम कुछ कर सकेगे।अमर बहादुर पढ़ाई के साथ साथ मोबाइल का काम भी जनते है। अमर बहादुर की माँ केवला देवी की माने तो अमर बहादुर जन्म से ही दिव्यांग पैदा हुये थे और पढ़ाई भी मन लगाकर करते थे।अमर बहादुर पढ़ लिखकर मास्टर बनाना चाहते है लेकिन हम लोग बहुत ही गरीब है इतना पैसा नही है कि इनकी पढ़ाई आगे करा सके। अगर सरकार की तरफ से आर्थिक सहायत मिलती है तो वे आगे की भी पढ़ाई करा सकेगे। वही जिला प्रसाशन भी अमर बहादुर के जज्बे को सलाम कर रहा है।अमेठी डीएम का कहना है कि ये बच्चा अमेठी के साथ प्रदेश के बच्चो के लिए प्रेरणास्रोत है जो दोनो हाथ न होने के बावजूद पैरों से लिखकर इंटर का पेपर दे रहा है। इतनी अक्षमता होने के बावजूद ये बच्चा पेपर दे रहा जिससे हम इसके उज्जवल भविष्य की कामना करते है और प्रसाशन की तरफ से जो मदद होगी उसे दी जाएगी।
हाथों से नहीं अपने हौंसलों से छू लिया आसमान,दम अभी ओर आगे जाने का है

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