बेमौसम बारिश ने ढा दिया कहर - कैसे मनाए होली

बेमौसम बारिश ने ढा दिया कहर - कैसे मनाए होली

हर में फल, सब्जी और अनाज के बढ़ते दामो से आमजन परेशान है और किसान गांव में दाम न मिलने से परेशान है। शहर में जो मौसम खुशनुमा है, वही गांवों में मौतनुमा है। एक खेत आपके लिए प्लॉट हो सकता है, लेकिन किसान के लिए पूरे जीवन और साल का खाता है। कभी आप खुले आसमान के नीचे अपनी कमाई रख कर देखिये रात भर नींद नहीं आएगी। सोचिए किसान पर क्या गुज़रती होगी। एक ज़रा सी बेमौसम बूंदाबांदी पर वह दहल जाता है। बर्बाद तो वह तब भी होता है, जब बारिश नहीं आती है। मार्च महीने की शुरुआत में लगातार हुई बारिश आंधी और ओले ने लाखों हेक्टेयर फसलों को बर्बाद कर दिया है। सरकार तो इसकी भरपाई आयात से कर लेगी मगर किसान क्या करेगा। रबी की फसलों ने किसान कोकई साल के लिए ग़रीब बना दिया है। गेहूं, सरसो, मक्का, आलू, मटर, आदि ये सब रबी की फसलें हैं।   आपको बता दे बेमौसम बारिश के कहर से रबी की फसलें बुरी से प्रभावित हुई है। इससे किसानों के साल भर की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। चना, गेहूं, अलसी, मसूर, सरसों, धनिया जैसी फसलें बर्बादी के कगार पर है। मार्च माह के शुरुआत से ही बारिश ने किसानों की मुश्किलें बढाना शुरू कर दिया था। लगातार हुई बारिश ने किसानों की फसलो की कमर तोड़ कर रख दी है। इस बारिश ने रबी फसल को पूरी तरह अपने चपेट में ले लिया। पीड़ित किसानों ने बताया कि बड़े जतन से फसलों को तैयार किया था और इसमें फूल भी लग चुका था। लेकिन इस बारिश ने सब खराब कर दिया। फसलें पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है और जितनी जमापूंजी उन्होंने फसलों में लगाया थी वह सब डूब चुकी है। किसानों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है, किसानों का कहना है की सरकार मुआवजा देकर किसानों की परेशानियों को दूर करे ताकि समय रहते किसान दोबारा फसलों को तैयार कर सके।

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