अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव ऋषिकेश में -त्रिवेंद्र, योगी सहित कई बड़े नेता होंगे शामिल, कैलाश खेर बांधेंगे समा

अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव ऋषिकेश में -त्रिवेंद्र, योगी सहित कई बड़े नेता होंगे शामिल, कैलाश खेर बांधेंगे समा

ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन के दिव्य प्रांगण में योग, अध्यात्म और ध्यान की दिव्य ऊर्जा से योग जिज्ञासुओं को जीवंत करने वाला 31 वां अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का शुभारम्भ 1 मार्च 2020 को उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत जी, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री भारत सरकार प्रहृलाद पटेल विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, आयुष मंत्री, उत्तराखण्ड हरक सिंह रावत अन्य गणमान्य अतिथियों, भारत सहित विश्व के अनेक देशों से आये योगाचार्यो, योग जिज्ञासुओं एवं अध्यात्म जगत की शिखरस्थ दिव्य आत्माओं के पावन सान्निध्य में होगा। भारतीय योग परम्परा से अभिभूत होने के लिये परमार्थ निकेतन में योग जिज्ञासु पहुंच रहे है। परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों द्वारा भारतीय परम्परानुसार तिलक लगाकर योग जिज्ञासुओं का दिव्य स्वागत किया जा रहा है। इस बार अन्तर्राष्ट्रीय योग महापर्व में सम्मिलित होने के लिये सम्पूर्ण विश्व के 50 से अधिक देशों के 700 से अधिक प्रतिभागी पहले से ही पंजीयन करा चुके है। शान्ति, सद्भाव और वसुधैव कुटुम्बकम् का संदेश देने वाले इस अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का शानदार आयोजन पूज्य महामण्डलेश्वर स्वामी असंगानन्द सरस्वती जी महाराज, परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज एवं जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती जी के मार्गदर्शन एवं आशीर्वाद से किया जा रहा है। अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का आयोजन अतुल्य भारत, पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार के संयुक्त तत्वाधान में किया जा रहा है। अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के बारे में परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि ’’भारत केवल एक भूमि का टुकड़ा नहीं बल्कि यह तो जीता-जागता शान्ति का संदेश प्रसारित करने वाला राष्ट्र है। योग, भारत की आध्यात्मिक विरासत है, योग और ध्यान के माध्यम से वैश्विक स्तर पर व्याप्त चुनौतियों को कम किया जा सकता है। योग एक ऐसी दुनिया के निर्माण की कुंजी है जिससे हम एकता, विश्वास, प्रेम और बंधुत्व का निर्माण कर सकते हैं। योग के क्षेत्र में भारत का नेतृत्व यह भी दर्शाता है कि हम प्रतिक्रिया नहीं करते बल्कि सचेत होकर कार्य करने में विश्वास करते हैं और योग केवल किसी एक देश के लिये नहीं बल्कि यह तो पूरे विश्व के लिये है। अन्तर्राष्ट्रीय योग की निदेशक साध्वी भगवती सरस्वती ने कहा कि हमें इस बात पर ध्यान देना होगा कि ’एक योगी किस प्रकार उपयोगी बन सकता है’ और ’किसी प्रकार सहयोगी बन सकता है।’ आज दुनिया में जो भी हो रहा है उससे देखते हुये लगता है कि योग हम सभी के लिये कितना जरूरी और सहयोगी है। इस वर्ष योग की अवधारणा आपसी एकता और सद्भाव के रूप में विकसित करनी होगी ताकि हमारे देशी-विदेशी भाई-बहन, धरती माता और भावी पीढ़ियों के लिये मिलकर कार्य करें।

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