ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन के प्रांगण में आज का सूर्य उदय योग के विविध आयामों के साथ हुआ। विश्व के 50 से अधिक देेशों से आये योग जिज्ञासुओं ने प्रातःकाल से ही विख्यात योग गुरूओं के मार्गदर्शन में योग की विधाओं को आत्मसात करना आरम्भ किया।
योग के पितामह योग गुरूओं को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित कर आज के दिव्य समारोह का शुभारम्भ परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज, पर्यटन मंत्री भारत सरकार,प्रहृलाद पटेल, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, आयुष मंत्री, उत्तराखण्ड सरकार हरक सिंह रावत, अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव की निदेशक, साध्वी भगवती सरस्वती, भारत मित्रा, विश्व के अनेक देशों से आये योगाचार्यों ने दीप प्रज्वलित कर किया।
अन्तर्राष्ट्रीय कीर्तन बैंड के भारत, इंग्लैड, यूएसए, स्काॅटलैंड, कोस्टारिका, फिनलैण्ड और क्यूबा से आये विजय कृष्ण और अन्य कीर्तनियों ने परम शान्ति देने वाले संगीत के साथ आज के कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।
विख्यात योगाचार्य गुरूमुख कौर खालसा, अमेरिका से आये टोमी रोजन और मुम्बई से आयी आहार विशेषज्ञ रूजुता दिवाकर ने योग की उपयोगिता और प्रतिबिंब पर प्रकाश डाला।
विश्व विख्यात योग महापर्व की मेजबानी परमार्थ निकेतन द्वारा सन 1999 से निरन्तर की जा रही है। इस अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में विश्व के 25 से अधिक देशों के 90 से अधिक पूज्य संत एवं योगाचार्य सम्मिलित हुये हैं। अब तक 50 से अधिक देशों के 700 से अधिक प्रतिभागी सहभाग कर चुके हैैं और लगातार दुनिया के विभिन्न देशों के योग जिज्ञासु इस महोत्सव में सहभाग हेतु पंजीयन करा रहे हंै।
अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में योग की 150 से अधिक कक्षायें होती है। यह क्रम प्रातः 4ः00 बजे से रात 9ः30 बजे तक एक सप्ताह तक प्रतिदिन चलता है।अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का आयोजन परमार्थ निकेतन, अतुल्य भारत, पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार के संयुक्त तत्वाधान में किया जा रहा है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने सभी विशिष्ट अतिथियों, विश्व के विभिन्न देशों से आये योगाचार्यों, योग जिज्ञासुओं, संगीतज्ञों, कलाकारों का माँ गंगा के पावन तट और हिमालय की गोद में दिव्य अभिनन्दन करते हुये कहा कि ’’अब समय आ गया है कि योग को हम केवल योगा मेट पर ही न करें बल्कि अब योग की ज़रूरत सम्पूर्ण मानवता के लिये, प्रकृति, नदियों और पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त करने के लिये है। हम सभी को ’मेरे लिये क्या’ है से मेरा द्वारा क्या-क्या किया जा सकता है’ पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। स्वामी जी ने कहा कि विश्व के विभिन्न देशों से जो भी योग जिज्ञासु माँ गंगा के पावन तट पर
आकर योग को आत्मसात कर रहे हंै, वे यहां से शान्ति दूत बनकर जायंे।’’
जीव वैज्ञानिक डाॅ ब्रूस लिप्टन, ने कहा कि परमार्थ निकेतन मेरे महत्वपूर्ण स्थानों में से एक है। उन्होने कहा कि योग, केवल मनुष्यों के लिये नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिये है। उन्होंने धरती से विलुप्त होती प्रजातियों के विषय में चिंता व्यक्त करते हुये कहा कि डायनासोर और अन्य प्रजातियाँ लगभग 95 प्रतिशत विलुप्त हो चुकी है। योग ही वह रास्ता है जिसके माध्यम से हम धरती पर सकारात्मक परिवर्तन कर सकते है। हम सभी को अपनी धरती और उस पर रहने वाले लोगों के लिये सौहार्द्र का रास्ता अपनाना होगा।
अमेरिकी योगाचार्य टोमी रोजन ने कहा कि योग हमें एकता का संदेश देता है। योग वह मार्ग है जिसके माध्यम से हम संदेह को दूर कर मन में विश्वास को जगा सकते है। एक बार जब आप अपने सच्चे स्व को जान लेते है तो भय अपने आप दूर हो जाता है और योग इसे सम्भव बनाता है। योग, अन्धकार से प्रकाश की ओर बढ़ने का एक स्पष्ट चश्मा हमें प्रदान करता है जिसके माध्यम से हम दुनिया के साथ प्रेम का सम्बंध स्थापित कर सकते हंै।
जेनेट एटवुड ने कहा कि योग हमारे बीच जो धर्म की दीवारें है वह समाप्त करता है। आज चारों ओर हम जो आंतक को देख रहे है वह केवल दिमाग का आंतक है योग इस दिमागी आतंक को शांत कर शान्ति का मार्ग दिखाता है।
माँ गंगा की दिव्य आरती के दिव्य संगीत से सभी मंत्रमुग्ध
प्रातःकालीन सत्र में इंग्लैंड की योगाचार्य पाउला तापिया जी ने चिकित्सीय योग प्रवाह, कीया मिलर द्वारा योग के माध्यम से हृदय में उच्च गुणों का जागरण
, योगऋषि विश्वकेतु जी द्वारा कुण्डलिनी योग, आनन्द्रा जार्ज द्वारा उदयमान सूर्य नादयोग, जैनेट एटवुड द्वारा अपने विश्वास को प्राप्त करना, विख्यात योगाचार्य टोमी रोजन द्वारा ’ब्रेकथू टू यू’, योगाचार्य इन्दू शर्मा द्वारा हठ योग, स्टीवर्ट गिलक्रिस्ट द्वारा जीवन काल में योग का अभ्यास करने में आने वाली बाधाओेें को दूर करना, इज़रायल से आये संगीतकार गिल राॅन शामा ने सीक्रेट साउंड स्टेज अन्य योगाचार्यो ने योग की विधाओं के माध्यम से भारत की संस्कृति और विरासत का परिचय कराया।
आज के आध्यात्मिक सत्र में ’उत्थान और हम सब एक है’ विषय पर अमेरिकी जीव वैज्ञानिक डाॅ ब्रूस लिप्टन, आर्गेनिक इन्डिया के प्रमुख भारत मित्रा, अमेरिकी मोटिवेशनल स्पीकर पिं्रस ईए, साध्वी भगवती सरस्वती जी ने अपने विचार व्यक्त किये। दोपहर के सत्र में योगाचार्य साध्वी आभा सरस्वती ने योग निद्रा, सात्विक जीवन के लिये आहार के नियम विषय पर मुम्बई से आयी विख्यात आहार विशेषज्ञ रूजुता दिवाकर, माँ ज्ञान सुवेरा जी ने काॅस्मिक इंटेलिजंेस प्लस मैडिटेशन का अभ्यास कराया, योगाचार्य आनन्द मेहरोत्रा ने काॅस्मिक प्राण काॅस्मिक सेल्फ, डाॅ ऐलेजैंड्रो जंगर ने आधुनिक विषाक्त दुनिया में डिटाॅक्सिफिकेशन के महत्व पर प्रकाश डाला तत्पश्चात जोसेफ ने साउंड बाथ का अभ्यास कराया।
देखें धर्मनगरी ऋषिकेश में गंगा के साथ कैसे बह रही है विदेशी साधकों के योग की धारा

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