अमेरिकी क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच ने गुरुवार को आंकड़े जारी किए जिसमे भारत की रेटिंग को स्थिर से नकारात्मक कर दिया है। फिच विश्व की 3 बड़ी रेटिंग एजेंसियों में से एक है दूसरी 2 बड़ी एजेंसियां मूडीज ओर स्टैंडर्ड एंड पुअर है |मूडीज ने अभी कुछ समय पहले ही भारत को 22 वर्षो में पहली बार 'Ba2' रेटिंग दी थी अब फिच ने इसे 1 पायदान ओर घटाकर "बीबीबी" कर दी है। फिच ने कहा कि कोरोना महामारी की वजह से भारत मे विकास की संभावना के दृष्टिकोण को काफी कमजोर किया है। उच्च ऋण के बोझ से आने वाली चुनोतियाँ के प्रति भी आगाह किया है | 25 मॉर्च से लागू किये गए सख्त लॉकडाउन की वजह से फिच ने उम्मीद जताई है कि की देश मे 2020-2021 वित्त वर्ष के दौरान आर्थिक गतिविधियों में 5 प्रतिशत तक कि कमी आएगी | ये भी पढ़े : सिर्फ 4999 ₹ की मासिक क़िस्त पर खरीदिये ये हैचबैक कार, जानिए फिचर्स
फिच ने अपनी रिपोर्ट में कहाँ है कि यह देखा जाना चाहिए कि क्या भारत 6% से 7% की निरंतर विकास दर पर लौट सकता है जैसा कि हमने पहले अनुमान लगाया था कि महामारी के स्थायी प्रभाव पर निर्भर करता है, खासकर वित्तीय क्षेत्र में। लेकिन पहले से ही उच्च ऋण के बोझ की वजह से सरकार ने अब तक अपने खर्च पर सयंम बरत है जीडीपी के 1 प्रतिशत तक के कुछ और राजकोषीय व्यय अगले कुछ महीनों में घोषित किए जा सकते हैं, जो कि हाल ही में जीडीपी के 2% के लिए अतिरिक्त उधार की घोषणा से संकेत दिया गया था, हालांकि हम खर्च में वृद्धि की उम्मीद नहीं करते हैंफिच ने भारत की रेटिंग गिराई स्थिर से नकारात्मक हुई फिच रेटिंग

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